आँखों में रंग फिजाओं के हैं,
दोस्त हम खिज़ाओं के है....
कल शाम तेरी आँखों ने कहा है,
बरसेंगे हम घटाओं से हैं....
निगाहों में तेरी ये चमकते से जुगनू
फकीरों की सच्ची दुआओं से हैं...
यूँ ताका किये, हम आरिज़ को उनके,
कहेंगे वो कुछ, जो खुदाओं से हैं...
फिजाओं : बहार
खिज़ाओं : पतझड़
आरिज़ : चेहरा